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Sunday, 6 November 2011

'मेरा खर्च नहीं उठा सकते भारतीय'


अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई मशहूर ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकीं सुपरमॉडल उज्ज्वला राउत का कहना है कि भारतीय फैशन उद्योग उनका खर्च नहीं उठा सकता। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इसी वजह से मैं भारत में रैंप पर कम ही दिखती हूं। वैसे भी मेरा ज्यादातर समय विज्ञापनों, पत्रिकाओं के कवर पेज के लिए शूटिंग करने में चला जाता है।

उज्ज्वला 1996 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में फेमिना लुक ऑफ द इयर का खिताब जीतने के बाद चर्चा में आई थीं। तब उनकी उम्र 17 साल थी। उन्होंने कहा, तब मैं साधारण सी दिखती थी। इसलिए मैंने मॉडलिंग करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मेरी बड़ी बहन ने मुझे इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया। इस तरह से मेरे मॉडलिंग करियर की शुरुआत हुई।


उज्ज्वला वोग और मैरी क्लेयर मैगजीन्स के कवर पेज पर छा चुकी हैं। इसके अलावा वह मिलान, पेरिस और न्यूयॉर्क फैशन वीक में भी हिस्सा ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि मधु सप्रे और मिलिंद सोमेन के बाद देश में कोई अच्छा सुपरमॉडल नहीं आया। वह इसके लिए बॉलीवुड को दोषी मानती हैं।

उन्होंने कहा, भारत में सुपरमॉडल्स के न होने की वजह यहां मॉडल के लिए किसी तरह का बेहतर विकल्प मौजूद नहीं होना है। इसलिए मॉडल्स बॉलीवुड में चले जाते हैं। मैंने कभी ऐसी कोशिश नहीं की क्योंकि इसमें बहुत सारा समय और ध्यान देने की आवश्यकता होती है, जिस कारण अन्य कार्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता। bhopal reporter

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